नकद व्यवहारो पर प्रतिबंध
- Posted by SSdigitalBE
- On September 10, 2019
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किसी भी अर्थव्यस्था में काले धन को बढ़ाने में नकद व्यवहार प्रमुख रूप से ज़िम्मेदार होते है। नकल व्यवहारों पर रोक लगाने , उन्हें हतोत्साहित करने हेतु तथा देश मे डिजिटल इकोनॉमी को बढ़ाने के लिए सरकार ने कई कदम उठाए है। इस हेतु सरकार ने आयकर अधिनियम में कई बदलाव करते हुए नकद व्यवहारों पर कई दंडात्मक प्रावधान लागू किए है और साथ ही नकद व्यवहार करने पर विभिन्न प्रकार की आयकर छूटो को भी समाप्त किया है। आइए हम इन नकद व्यवहारों का विश्लेषण करते है।
1) किसी खर्च के लिए नकद भुगतान-धारा 40A(3):
अगर आप किसी एक व्यक्ति को एक दिन में 10,000 रुपये से अधिक का भुगतान करते है तो वह खर्चा आपकी करयोग्य आय की गणना करते समय खर्चे के रूप में स्वीकार नहीं किया जाएगा और उस पर आयकर देय होगा।
उदाहरण : आपने अगर ऑफिस स्टेशनरी के लिए 15000 का खर्च एक ही व्यक्ति को एक ही दिन में नगद में भुगतान किया है तो यह भुगतान आपकी आय में से खर्चे के रूप में मान्य नहीं होगा।
हालाँकि इस धारा के प्रावधानों के अनुसार माल भाडे का 35000 रुपये तक का भुगतान नकद में किया जा सकता है।
2) किसी पूंजीगत वस्तु (स्थाई संपत्ति) के क्रय हेतु भुगतान: अगर आपने कोई पूंजीगत सामान एक ही व्यक्ति से एक ही दिन में 10,000 रुपये से अधिक का नकद भुगतान करके ख़रीदा है तो आपको डेप्रिसिएशन अर्थात मूल्यह्रास की गणना हेतु नकद भुगतान को पूंजीगत सामान की लागत में सम्मिलित नहीं माना जाएगा और उस पर डेप्रिसिएशन का लाभ नहीं मिलेगा।
उदाहरण : अगर आप अपने व्यवसाय हेतु एक कंप्यूटर खरीदते हैं और उसके लिए 15,000 रुपये का नकद और 50,000 रुपये का चेक द्वारा भुगतान करते है तो आपको डेप्रिसिएशन सिर्फ 50000 रुपये की लागत पर ही मिलेंगा।
3) स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम: स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम का भुगतान नकद में करने पर आयकर की धारा 80-D के अंतर्गत इसकी छूट नहीं मिलेगी।
4) चंदा/दान: किसी एनजीओ या धार्मिक संस्था को 2000/- रुपये से अधिक चंदा नकद में भुगतान करने पर धारा 80-G के तहत इसकी छूट नहीं मिलेगी।
5)200000/- रुपये या इससे अधिक के नकद व्यवहार पर: किसी एक व्यक्ति, या एक ट्रांजेक्शन या किसी एक आयोजन के संबंध में 200000/- या इससे अधिक की नकद प्राप्ति भी नकद सम्बंधी व्यवहारो का उल्लंघन मानी जाएगी और इस संबंध में 100% जुर्माने का प्रावधान है।
इस संबंध में अन्य ध्यान रखने योग्य बात निम्नलिखित है।
i) बेयरर चेक औऱ सेल्फ चेक भी नकद ही समझे जाएंगे
ii) जुर्माना 200000/- या इससे अधिक नकद राशि प्राप्त करने वाले पर लगाया जाएगा।
6) अचल संपत्ति का विक्रय: किसी भी अचल संपत्ति के विक्रय के संबंध में 20000/- रुपये से अधिक राशि नकद में प्राप्त करने पर इस राशि के 100% के बराबर जुर्माना देय होगा।
7) ऋण लेना या पुनर्भुगतान: किसी भी वित्तीय वर्ष में 20000/- रुपये से अधिक राशि का ऋण नकद में लेने या ऋण का पुनर्भुगतान करने पर इस राशि के 100% के बराबर जुर्माना देय होगा।
काले धन पर रोक लगाने तथा डिजिटल व्यवहारो को प्रोत्साहित करने के लिए नकद व्यवहारो पर रोक लगाना बहुत ज़रूरी है अगर करदाता और आयकर विभाग कदम- कदम मिलाकर इस दिशा में कार्य करे तो काले धन से होने वाले भ्रष्टाचार पर रोक लगाई जा सकती है जो अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए बहुत आवश्यक है।
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